दिखती रहती हैं वो सदा एक मृग मरीचिका सी। दिखती रहती हैं वो सदा एक मृग मरीचिका सी।
रबाब की धुन में गाती हूं बस बदूइन सा फिरती हूं। रबाब की धुन में गाती हूं बस बदूइन सा फिरती हूं।
बिम्ब के भ्रम में ही कुत्ता रोटी गँवाता। बिम्ब के भ्रम में ही कुत्ता रोटी गँवाता।
प्राण पखेरू उड़ जाते हैं रह जाती है केवल कस्तूरी की मृगतृष्णा। प्राण पखेरू उड़ जाते हैं रह जाती है केवल कस्तूरी की मृगतृष्णा।
जीवन सफल हो जाएगा बड़ी शक्ति है बाबा के वरदान में चलो सब कावर लेके बाबा बैजनाथ के धाम जीवन सफल हो जाएगा बड़ी शक्ति है बाबा के वरदान में चलो सब कावर लेके बाबा बैजना...
और मैं डूबती ही जाती हूँ इस नीरवता में जैसे तूफान में फंसी एक कागज की नाव और मैं डूबती ही जाती हूँ इस नीरवता में जैसे तूफान में फंसी एक कागज की न...